Welcome to Ajay’s site.
Welcome to my new website!
Comments, Suggestions, Opinions, Appreciations, Criticisms, all solicited.
Latest from the Blog
हिंदी को उचित दर्जा कब
यूरोप में जब पुनर्जागरण आरंभ हुआ यानी आधुनिकता ने उसके द्वार खटखटाया तो सबसे पहला झटका लगा लैटिन के एकक्षत्र साम्राज्य को। चुनौती दी स्थानीय भाषाओं नें। जर्मन, फ्रेंच, अंग्रेजी, डच, चेक, स्लोवाक आदि भाषाओं के जरिए राष्ट्रों ने अपने स्वतंत्र अस्तित्व की अभिव्यक्ति की! खुद लंदन में अदालतों का काम, राज काज, बड़े बड़े…
फेसबुकिया पसंदगी- नापसंदगी
जब किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान से आपका परिचय होता है, एक सम्बन्ध बनता है, तो आपके मन में उसकी एक छाप बनती है, एक तस्वीर बनती है। तो आप जब यह कहते हैं कि आप उसे पसंद या नापसंद करते हैं, ज्यादा करें, कम करें, ये दीगर बात है, तो थोडा सोच के देखें,…
काम पूजा है; पूजा काम नहीं
हम हिन्दुस्तानी, चाहे हिंदू हों, मुस्लिम, सिक्ख या पारसी- दुनिया के किसी भी देश के लोगों से ज्यादा समय धार्मिक कर्मकांडों में बिताते हैं। “सात वार और नौ त्यौहार” कहावत ऐसे ही थोड़ा ही न है! धार्मिक अवकाश (घोषित) के दिन, रोज के प्रार्थना/नमाज़/अरदास आदि, सत्संग, प्रवचन, कीर्तन- भजन आदि मैं बिताए घंटे, इन सबका…
Get new content delivered directly to your inbox.